सख़्ती: परिवहन विभाग ने बस ऑपरेटरों की फिटनेस रोकी तो लगवाने लगे वीएलटीडी व पैनिक बटन, पहले बरत रहे थे लापरवाही

ग्वालियर। परिवहन विभाग ने स्कूल व यात्री वाहनों में व्हीकल लोकेशन ट्रेकिंग डिवाइस(वीएलटीडी) व पैनिक बटनाहन को अनिवार्य कर दिया है। आपरेटर इन दोनों डिवाइस को लगवाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे थे। जिसके चलते विभाग ने फिटनेस रोक दी है। फिटनेस रुकने की वजह से डिवाइस को लगवाने लगे हैं। 100 से अधिक वाहनों में डिवाइस लग चुके हैं। विभाग ने अपने सर्वर को अपडेट कर दिया है। यदि वाहन में दोनों डिवाइस नहीं लगे हैं तो उन्हें फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं मिलेगा। नए वाहन का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा।
परिवहन विभाग ने करीब 16 करोड़ की लागत से भोपाल में कंट्रोल कमांड सेंटर बनाया है। इस कंट्रोल कमांड सेंटर से यात्री व स्कूल बसों की निगरानी की जानी है। यात्री या स्कूल बस में पैनिक बटन दबने पर इसकी जानकारी कमांड सेंटर पहुंचेगी। सेंटर में अलर्ट आने के बाद वाहन की लोकेशन तत्काल पुलिस को दी जाएगी। जिससे पुलिस आसानी से पहुंच सके। साथ ही वाहन की गति, मार्ग आदि पर निगरानी रखी की जा सकेगी। इन दोनों डिवाइस को लगाने के बाद वाहन मालिक को कंट्रोल कमांड सेंटर में रजिस्टर्ड कराना होगा। मानकों के अनुसार दोनों डिवाइस लग सकें, उसको लेकर दस कंपनियां तय कर दी हैं, लेकिन जिस गति से डिवाइस लगने थे, उतनी गति आपरेटरों ने नहीं दिखाई। इस कारण कंट्रोल कमांड सेंटर में ज्यादा वाहन रजिस्टर्ड नहीं हो सके हैं। फिटनेस के दौरान दोनों डिवाइस का लगाना होना जरूरी है।
डिवाइस लगाने वाली कंपनियों ने कंपू कार्यालय के पास ही डिवाइस लगाने शुरू किए हैं। कंपनियों ने एक पैनिक बटन की कीमत 300 रुपये रखी है, जबकि वीएलटीडी 12 हजार रुपये में लग रहा है। बस आपरेटरों को चालीस सीटर बस में करीब 15 पैनिक बटन लगाने होंगे।

अपर आयुक्त, प्रवर्तन  अरविंद सक्सेना ने बताया कि ऑपरेटरों कोयात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए VLTD और पैनिक बटन लगवाना अनिवार्य हैं।हम पूरे प्रदेश भर में इसको लेकर अभियान चलाएंगे।