कलेक्टर के बाद अब बदलेंगे ग्वालियर समेत 14 जिलों के SP, इसी माह रिटायर हो रहे मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की तैयारी में

भोपाल Byline24.com। मप्र में 14 जिलों के कलेक्टर समेत 27 आईएएस अफसरों के तबादले के बाद सरकार अभी और प्रशासनिक सर्जरी करने की तैयारी कर रही है। इसके तहत इस बार प्रशासनिक सर्जरी के तहत जिलों के एसपी, एएसपी-डीएसपी के तबादले किए जाएंगे। दरअसल, सरकार पुलिस विभाग में उन अफसरों के तबादले करने की तैयारी कर चुकी है जो एक ही स्थान पर दो साल से अधिक समय से पदस्थ हैं। संभवत: इस बार 18 एसपी और 50 एएसपी-डीएसपी स्तर के अधिकारियों के तबादले होंगे।
जानकारी के अनुसार 30 नवंबर के पहले एक और तबादला सूची जारी हो सकती है। 3 साल या ज्यादा समय से जमे कलेक्टर के दायित्व बदले जा सकते हैं। साथ ही आईपीएस अधिकारियों की तबादला सूची का भी इंतजार है। विधानसभा चुनाव के ठीक एक साल पहले शिवराज सरकार ने दो दर्जन से ज्यादा आईएएस अफसरों को बदल दिया है। 27 अधिकारियों के तबादले में 14 कलेक्टर भी शामिल हैं। अब आईपीएस अधिकारियों की तबादला सूची का भी इंतजार हो रहा है। पुलिस अधीक्षकों के तबादला की लगातार चर्चा चल रही है। गौरतलब है कि मप्र के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस का कार्यकाल इसी महीने पूरा हो रहा है।

प्रदेश में आईएएस के फेरबदल के बाद जल्द आईपीएस अफसरों की बारी आएगी। सरकार भारतीय पुलिस सेवा और राज्य पुलिस सेवा के अफसरों की बड़ी तबादला सूची जारी करने की तैयारी में है। जिन्हें अभी फील्ड में तीन साल चुके हैं या विधानसभा चुनाव तक तीन साल होने वाले हैं, ऐसे एसपी हटेंगे। इसके अलावा 50 के लगभग एएसपी और डीएसपी स्तर के अफसरों को हटाया जाएगा। सरकार अगले साल नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव की जमावट के हिसाब से आईपीएस और एसपीएस अफसरों की तबादला सूची जारी करेगी। इस सर्जरी में 52 में से 15-18 जिलों में एसपी बदलने के आसार हैं। ऐसा माना जा रहा है कि तबादलों में डीआईजी, आईजी, एडीजी और डीजी रैंक के अफसर भी प्रभावित होंगे।

चुनाव आयोग की गाइड लाईन के अनुसार जो मैदानी अफसर एक ही स्थान पर तीन साल से जमे हुए हैं उन्हें हर हाल में बदलना जरूरी है। इसके तहत धार एसपी आदित्य प्रताप सिंह का हटना तय है। उन्हें तीन साल से ज्यादा हो चुके हैं। इसी तरह हरदा एसपी मनीष अग्रवाल, ग्वालियर एसएसपी अमित सांघी, सिंगरौली एसपी वीरेन्द्र सिंह, जबलपुर एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा, आगर एसपी राकेश कुमार सगर, बुरहानपुर एसपी राहुल कुमार लोढ़ा, बैतूल एसपी सिमाला प्रसाद, देवास एसपी शिवदयाल, खंडवा एसपी विवेक सिंह, छतरपुर एसपी सचिन शर्मा, डीसीपी साई कृष्णा थोटा दतिया एसपी अमन राठौड़ चुनाव के पहले तीन साल पूरे कर लेंगे। दो एसपी डेपुटेशन पर केंद्र में जाएंगे। इस कारण छिंदवाड़ा एसपी विवेक अग्रवाल और नरसिंहपुर एसपी विपुल श्रीवास्तव को रिलीव किया जा सकता है। इनकी जगह नए एसपी बनाए जाएंगे।

सूत्रों का कहना है कि जिलों में आईपीएस अधिकारियों की पदस्थापना में प्रमोटी को महत्व दिया जाएगा। नई सूची में वर्ष 1995-96 बैच के प्रमोटी आईपीएस को फील्ड पोस्टिंग मिल सकती है। ऐसे कई अफसर हैं, जो आईपीएस तो बन चुके हैं, लेकिन एसपी नहीं बन पाए हैं। इन अफसरों को किसी जिले में एसपी की कमान देकर पदस्थ किया जा सकता है। प्रदेश में एसपी स्तर के पुलिस अफसर प्रमोशन के बाद डीआईजी बन जाएंगे।. इनका प्रमोशन अगले साल जनवरी में होगा। इसमें रीवा एसपी नवनीत भसीन, सागर तरुण नायक, सीधी मुकेश श्रीवास्तव, उज्जैन सत्येन्द्र शुक्ला, विदिशा मोनिका शुक्ला, कटनी सुनील कुमार जैन, राजगढ़ अवधेश गोस्वामी, डीसीपी ट्रैफिक महेश चंद्र जैन शामिल हैं। इनके प्रमोशन की वजह से संभावना है कि इनमें से भी कई एसपी हट जाएंगे।

मालूम हो कि 370 आईएएस अफसर मप्र में सेवाएं दे रहे हैं। 370 में से 24 आईएएस अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली में हैं। मप्र के 52 जिलों में राज्य प्रशासनिक सेवा के 97 अधिकारियों को प्रमोट कर आईएएस बनाया गया। आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अभी एक दर्जन आईएएस अफसरों की सूची आना बाकी है। कुछ कलेक्टर भी बदले जा सकते हैं। हालांकि अभी जारी हुई सूची में भी अधिकांश संभाग के कलेक्टरों का ट्रांसफर किया गया है।

नए सिरे से प्रशासनिक जमावट करने के लिए सामान्य प्रशासन और गृह विभाग ने प्रारंभिक तैयारी कर ली है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंक और पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना की चर्चा के बाद सूची जारी की जाएगी। इसके अलावा चुनाव आयोग के निर्देश पर एक ही स्थान पर जमे अफसरों और जो अगले कुछ महीने में सेवानिवृत्त होने वाले है उनके स्थान पर नए अफसरों की पोस्टिंग की जाएगी। तीन साल से ऊपर समय से एक ही स्थान पर जमे चुनाव वाले जिलों के एसपी बदले जा सकते हैं। दरअसल, 2023 में मप्र में विधानसभा चुनाव होने है, इसको लेकर निर्वाचन आयोग ने तैयारियां शुरू कर दी है। मतदाता सूची तैयार करने का कार्य प्रारंभ होते ही कलेक्टरों के तबादले लगभग प्रतिबंधित हो गए हैं। इसके बाद नाम जोडऩे, हटाने और संशोधन के लिए आवेदन लिए जा रहे हैं और फिर जनवरी 2023 में जब अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होते ही सरकार तबादले कर सकेगी।