देश में सड़क हादसों का डेटा दर्ज करने में मप्र अव्वल, 22 महीने में 90 हजार दुर्घटनाएं; इंदौर पहले और ग्वालियर छठे स्थान पर

ग्वालियर। इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेन्ट डेटाबेस (आई रेड एप) पर सड़क हादसों का रिकॉर्ड अपलोड करने में मध्यप्रदेश पूरे देश में सबसे आगे रहा है। प्रदेश में 1 जनवरी 2021 से अब तक यानी 22 महीने में 90 हजार 771 दुर्घटनाओं का डाटा अपलोड किया जा चुका है। प्रदेश में सर्वाधिक 7251 सड़क दुर्घटनाएं इंदौर में दर्ज की गई है। 7013 दुर्घटनाओं के साथ जबलपुर दूसरे और 5330 दुर्घटनओं के साथ राजधानी भोपाल तीसरे नम्बर पर है। ग्वालियर छठे स्थान पर है।
22 महीने और एक सप्ताह में 5 हजार 337 दुर्घटना डेटा रिकॉर्ड के साथ में ग्वालियर छठे नम्बर पर है। ग्वालियर के महाराजपुर थाना क्षेत्र में 212 और झांसी रोड थाना क्षेत्र में 220 दुर्घटनाएं दर्ज की गई हैं। बिलौआ तथा जौरासी घाटी में अधिक दुर्घटनाएं होती है। अधिकतर दुर्घटनाओं के विभिन्न कारणों जिनमें यातायात के नियमों को फॉलो नहीं करना, हाई स्पीड से वाहन चलाना पाया गया।
शाम 6 से रात्रि 10 बजे सबसे अधिक दुर्घटनाएं
अधिकतर दुर्घटनाएं शाम 6 से रात्रि 10 बजे के बीच होती हैं। बता दें कि भारत सरकार द्वारा इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेन्ट सड़क दुर्घटना का डेटा बेस तैयार कर अभियान चलाया जा रहा है। इसमें किसी भी प्रकार की सडक दुर्घटना होने पर निर्धारित पुलिस थाने के कार्मिक द्वारा मौका निरीक्षण कर, दुर्घटना के स्थान से ही फोटो व दुर्घटना से संबधित सभी सूचनाओं को एप के माध्यम से अपलोड किया जाता है।
क्या है आई रेड ऐप
सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए सडक परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार ने राष्ट्रीय सूचना एवं विज्ञान विभाग तथा आईआईटी चेन्नई के सहयोग से एकीकृत सडक सुरक्षा डेटा बेस तैयार करने के लिए इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेन्ट डेटाबेस (आई रेड एप) विकसित कर लागू कर दिया है। इसके जरिए दुर्घटना का डाटा अपलोड किया रहा है। इस प्रोजेक्ट से परिवहन विभाग, पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग, एनएचआई एवं पीडब्ल्यूडी आदि विभागों को जोडा गया है। ये विभाग ऑन लाइन एप के जरिए से कार्य कर रहे है। इस एप के माध्यम से जिले में होने वाली दुर्घटनाओं को एप में अपलोड किया जा रहा है।
सड़कों से ब्लैक स्पॉट खत्म करने में आसानी
आई रेड एप के डेटा बेस से प्राप्त जानकारी से भविष्य में किस प्रकार कम से कम दुर्घटना हो सके इस डेटा बेस को तैयार कर आईआईटी चेन्नई के सहयोग गाइड लाइन जारी की जाएगी। इसके जरिए आवश्यक कदम उठाते हुए हाइवे तथा अन्य सडक़ों से ब्लैक स्पॉट खत्म किए जाएंगे जिससे एक ही स्थान पर बार-बार दुर्घटनाएं न हों। इस प्रोजेक्ट के लिए एनआईसी और पुलिस विभाग को नोडल बनाया गया है। पुलिस,परिवहन, स्वास्थय,राजमार्ग के विभागों प्रशिणार्थियों को विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया है।
इस तरह अपलोड होता है दुर्घटनाओं का डाटा
कर्मचारियों को दिया प्रशिक्षण आईआरएडी एप के प्रशिक्षण में पुलिस विभाग के कार्मिकों को यह बताया गया की जैसे ही किसी दुर्घटना की जानकारी संबंधित कार्मिक को मिलती है तो उसे दुर्घटना के मौके पर पहुंच कर दुर्घटना के स्थान से ही फोटो व दुर्घटना से संबधित सभी सूचनाओ को एप के माध्यम से किस प्रकार अपलोड करना है व अन्य विभाग को यदि कोई जानकारी भेजनी की आवश्यकता है तो किस प्रकार उन्हें विभिन्न सूचनाएं ऐप के माध्यम से प्रेषित करनी है।