दस्यु सम्राट रमेश सिंह सिकरवार ने कहा-चीतों की सुरक्षा पर खतरा, कूनो पार्क में रात के वक्त घूम रहे शिकारी

ग्वालियर। 70 साल बाद चीतों की वापसी होना देश के लिए बेहद गर्व की बात है लेकिन आने वाले दिनों में कूनो में चीतों की सुरक्षा कर पाना वन विभाग के अधिकारियों के लिए बेहद चुनौती भरा होगा। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि कूनों में शिकारियों की बढती हुई सक्रियता और बीते महीनों तक सामने आती रही वन्यजीवों के शिकार की घटनाएं इस तरह के सवाल खड़े कर रही हैं।
कूनो के आसपास बसे गांवों के बुजुर्ग और चीता मित्र बने पूर्व दस्यु रमेश सिंह सिकरवार ने रात के अंधेरे में कूनो में वन्यजीवों का शिकार होने की बात कही। चीता मित्र पूर्व दस्यु रमेश सिंह सिकरवार का कहना है कि वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी रात के समय कूनों के भीतर निगरानी नहीं रखते। इन हालातों में जंगल के गांवों में रहने वाले मोगिया प्रजाति के शिकारी रात होते ही कूनो में वन्यजीवों का शिकार कर मांस वह अन्य जरूरी अंग को लेकर रातों रात निकल जाते हैं। इस तरह की घटनाएं आए दिन होती हैं। उनकी माने तो खरगोश से लेकर काले हिरण तक का मांस शिकारियों के पास बड़ी आसानी से मिल जाता है। इसकी जानकारी विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को भी है लेकिन वह शिकारियों पर शिकंजा कसने में नाकाम है। ग्रामीण भी चीतों की सुरक्षा करना चाहते हैं इसलिए वह साफ तौर पर कहते हैं कि हर गांव से 1-2 युवाओं को कूनो की सुरक्षा के लिए तैनात किया जाए तो उन्ही से वन्यजीवों का शिकार रोकने में आसानी होगी। वजह यही है कि गांव के युवाओं के साथ पूरा गांव शिकारियों से लडऩे के लिए खड़ा हो जाएगा। जबकि वन कर्मियों को जंगली जानवरों से ज्यादा खुद की जान की परवाह रहती है ऐसे में वह शिकारियों से पंगा नहीं लेते।
आए दिन होता है शिकार
चीता मित्र बने पूर्व सचिव रमेश सिंह सिकरवार ने कहा कि कूनो से वन्यजीवों का आए दिन शिकार होता है। जब से वह चीता मित्र बने हैं सबसे गांव गांव जाकर लोगों को वन्यजीवों की रक्षा करने की समझाइश दे रहे हैं। शिकारियों को हिदायत दे रहे हैं कि वह वन्यजीवों का शिकार करना छोड़ दे नहीं तो ठीक नहीं होगा लेकिन वन्य जीवों का शिकार रोकने के लिए इतना ही काफी नहीं है। पूर्व दस्यु रमेश सिंह सिकरवार बताते हैं कि जंगल में घर मकान बनाकर रहने वाले मोगिया जाति के शिकारियों को दूसरे स्थान पर बसाया जाना चाहिए। इसके साथ ही उनके पास जो लाइसेंसी बंदूके हैं। उनके लाइसेंस निरस्त करके उन्हें जब्त किया जाना चाहिए। इसके बाद ही शिकार रुक सकेगा। शासन को इस पर अमल करना होगा। इस बारे में डीएफओ प्रकाश वर्मा का कहना है कि वन्यजीवों के जो भी शिकार हुए हैं वह कूनो के बाहर हुए हैं। सीटों की सुरक्षा के लिए वन कर्मियों के अलावा 22 गनमैन लगाए जाएंगे, इसके अलावा चीता मित्र भी चीतों की सुरक्षा करेंगे।