भू-अधिकार ऋण पुस्तिका के लिए अब कलेक्टोरेट के चक्कर लगाने से मिली मुक्ति; भोपाल-ग्वालियर सहित सभी जिलों का भूमि रिकॉर्ड हुआ ऑनलाइन

 

भोपाल। भू-अधिकार पुस्तिका के लिए किसानों और आम जनता को कलेक्टोरेट के चक्कर लगाने से मुक्ति मिल गई है। भू-अधिकार ऋण पुस्तिका को ऑनलाइन कर दिया गया है। कोई भी व्यक्ति अपनी पुस्तिका को नजदीकी कियोस्क सेंटर, कॉमन सर्विस सेंटर या स्वयं के एन्ड्रायड मोबाइल से 10 रुपए शुल्क अदा कर ले सकता है। कृषकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए राजस्व विभाग ई-तकनीक को बढ़ावा दे रहा है, ताकि किसानों एवं आमजन को तहसील एवं पटवारी के चक्कर न लगाने पड़ें। वर्षों पूर्व आमजन और किसानों को अपने खाते की नकल पाना कठिन कार्य था, इसलिए राजस्व विभाग के नियमों में बदलाव कर अभिनव प्रयोग किए जा रहे हैं। राजस्व विभाग द्वारा कृषकों से अपील की गई है कि ई-तकनीक के माध्यम से लाभ उठाएं। सरकार द्वारा किसानों को उनके खाते की खसरा, बी-1 एवं ऋण पुस्तिका की प्रति भी वॉट्सऐप पर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है।
राजस्व विभाग द्वारा भोपाल, इंदौर और जबलपुर सहित पूरे प्रदेश के सभी जिलों के भूमि रिकॉर्ड को ऑनलाइन कर दिया गया है। अब मध्यप्रदेश के किसी भी जिले से संबंधित भूमि रिकॉर्ड को जनता ऑनलाइन घर बैठे देख सकती है। अब जनमानस को सरकारी कार्यालयों में छोटी-छोटी सूचनाओं को प्राप्त करने के लिए बार-बार नहीं जाना पड़ेगा। मध्यप्रदेश भू-अभिलेख पोर्टल के माध्यम से खसरा-खतौनी की नकल, भू-अभिलेख का रिकॉर्ड, आबादी सर्वे का रिकॉर्ड, बंधक भूमि की स्थिति, बंदोबस्त अधिकार अभिलेख, बंदोबस्त निस्तार पत्रक की स्कैन प्रति, जमा बंधी नकल, खेत का नक्शा, विवादित भूमि का विवरण ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं।