हिंदू महिलाएं चार-चार बच्चे पैदा करें, दो राष्ट्र को दें: साध्वी ऋतंभरा

ऋतंभरा ने रविवार को कानपुर के निराला नगर रेलवे प्रांगण में आयोजित राम महोत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘आपने तो दो बच्चे पैदा किए हैं न, हम दो हमारे दो… मेरा निवेदन है हिंदू समाज के बंधुओं से, दो संतानें नहीं, चार संतानों को जन्म दीजिए. दो संतानें राष्ट्र के लिए समर्पित कीजिए.’

उपस्थित भीड़ द्वारा ‘जय श्री राम’ के उद्घोष के बीच ऋतंभरा ने कहा, ‘वे दोनों (संतान) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समर्पित सेवक बनेंगे.’

उन्होंने कहा, ‘श्री राम जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण हो रहा है और हमें कण-कण को, जन जन को राममय बनाना है.’

बाद में साध्वी ऋतंभरा ने अपने बयान के समर्थन में दलील देते हुए कहा, ‘आप अगर भारत के अतीत को देखोगे तो तमाम बच्चे देश के लिए अपने आपको समर्पित करते थे. उनके माता-पिता को भी बहुत परेशानी नहीं होती थी, क्योंकि उनकी परंपरा चलाने के लिए और भी संतानें होती थीं, लेकिन अब सज्जनों की स्थिति यह है कि वह सक्षम भी हैं, पढ़ा भी सकते हैं, तो भी वह संतानों को जन्म नहीं देना चाहते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘देश को भी कुछ ऐसे लोग चाहिए. आप देखो संघ के कितने लाखों प्रचारक निकले. आज से 30-35 साल पहले, जिनमें से आज देश के प्रधानमंत्री भी हैं, जो देश के लिए अपना तन, मन, एक-एक पल समर्पित किए हुए हैं… तो आने वाले समय में भी इस धरती को बंजर नहीं होना चाहिए. उनकी संतानें इस देश को समझें. ऐसी हमारी देश की परंपरा रही है. मैं उसी को याद दिला रही थी.’

उन्होंने भारत के जल्द ही ‘हिंदू राष्ट्र’ बनने की बात कही. ऋतंभरा ने देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की वकालत करते हुए कहा, ‘देश में समान आचार संहिता लागू हो. अगर देश में जनसंख्या का असंतुलन हुआ तो राष्ट्र का भविष्य अच्छा नहीं होगा.’

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने माता-पिता से अपने बच्चों को संघ के प्रति समर्पित करने को कहा है तो उन्होंने कहा, ‘हां, मैंने उनसे कहा था कि अपने दो बच्चों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को समर्पित करें, विश्व हिंदू परिषद का कार्यकर्ता बनाएं, देश को समर्पित करें.’

ऋतंभरा राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी रही हैं और उन्होंने विश्व हिंदू परिषद की महिला शाखा दुर्गा वाहिनी का भी गठन किया था.

इससे पहले बीते 17 अप्रैल को कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी धर्मगुरु यति नरसिंहानंद के एक संगठन द्वारा आयोजित धर्म संसद में शामिल लोगों ने भारत को इस्लामिक देश बनने से बचाने के लिए हिंदुओं से अधिक बच्चों को जन्म देने का आह्वान किया था.

हिमाचल प्रदेश में ऊना जिले में ‘अखिल भारतीय संत परिषद’ की ओर से आयोजित तीन दिवसीय इस ‘धर्म संसद’ में दावा किया गया कि मुसलमान नियोजित तरीके से कई बच्चों को जन्म देकर अपनी आबादी बढ़ा रहे हैं. इसलिए संगठन ने भारत को इस्लामिक देश बनने से रोकने के लिए हिंदुओं से अधिक बच्चों को जन्म देने के लिए कहा है.

संगठन के प्रदेश प्रभारी यति सत्यदेवानंद सरस्वती ने कहा था कि देश में मुसलमानों की बढ़ती जनसंख्या हिंदुओं के पतन का संकेत देती है… हिंदुओं को अपने परिवारों को मजबूत करना चाहिए, उन्हें अपने परिवारों की रक्षा, मानवता और सनातन धर्म के लिए अधिक बच्चों को जन्म देना चाहिए.

कार्यक्रम में शामिल नरसिंहानंद ने कहा था हालत यह है कि दुर्गा अष्टमी के दिन देशभर में निकलने वाले जुलूस पर पथराव और हमले शुरू हो गए हैं. उन्होंने आगे कहा कि हिंदू समाज के लिए इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है.

उन्होंने दावा किया था कि मुस्लिम योजनाबद्ध तरीके से कई बच्चों को जन्म देकर अपनी आबादी बढ़ा रहे हैं.

मालूम हो कि हरिद्वार में बीते साल आयोजित धर्म संसद में मुस्लिमों के नरसंहार का आह्वान करने के मामले में जमानत पर बाहर आए नरसिंहानंद ने इसी महीने मथुरा में हिंदुओं से देश को आगामी दशकों में ‘हिंदू-विहीन’ बनने से रोकने के लिए अधिक बच्चों को जन्म देने का अनुरोध किया था.