फरीदाबाद के वरिष्ठ रुमेटोलॉजिस्ट ग्वालियर में गठिया बाह के रोगियों का करेंगे जड़ से इलाज

ग्वालियर।सर्वोदय हॉस्पिटल, फरीदाबाद ने ग्वालियरवासियों के लिए वरिष्ठ रुमेटोलॉजिस्ट डॉ. गौरव सेठ द्वारा प्रत्येक महीने के तीसरे बुधवारको परिवार सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल, ग्वालियर में ओपीडी परामर्श की सुविधा का आयोजन कर रहा है। इस मौके पर एक पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया।

वरिष्ठ रुमेटोलॉजिस्ट डॉ. गौरव सेठ ने अपनी विशेषज्ञता के बारे में अधिक जानकारी देते हुए बताया कि ” सिस्टेमेटिक ऑटो इम्यून बिमारियों” के एक समूह जहां किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) शरीर के जोड़ो पर हमला करती है उनका इलाज रुमेटोलॉजिस्ट द्वारा किया जाता है। आमतौर पर यह शरीर के उन क्षेत्रों में सूजन पैदा करता है जहां इसकी आवश्यकता नहीं होती है, जिससे दर्द, सूजन और शरीर के अन्य अंग ख़राब करने जैसी समस्याएं होती हैं। ये रोग शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकते हैं जिसमें जोड़, आंखें, त्वचा, तंत्रिकाएं, गुर्दे, फेफड़े, हृदय, और अन्य आंतरिक अंग शामिल हैं। सभी ऑटोइम्यून रोग जोड़ों, या गठिया की सूजन का कारण बन सकते हैं।

ऑटोइम्यून रोगों (auto-immune disease) के कुछ उदाहरणों में रुमेटोइड गठिया (rheumatoid arthritis), ल्यूपस (lupus), सोजोग्रेन रोग (Sjogren syndrome), स्क्लेरोडर्मा (scleroderma), पॉलीमायोसिटिस (myositis) और वास्कुलिटिस (vasculitis) जैसी शामिल हैं। हालांकि गठिया और मस्कुलोस्केलेटल स्थितियों के 100 से अधिक विभिन्न प्रकार हैं।

डॉक्टर सेठ ने बताया कि निम्न लक्षणों के सामने आने पर रुमेटोलॉजिस्ट से मिलने पर गौर करना चाहिए।अगर समय पर इलाज नहीं किया गया तो आमवाती रोग (autoimmune disease) समय के साथ स्थायी नुकसान पहुंचा सकते हैं। उदाहरण के तौर पर जैसे आपके जोड़ टेढ़े होने लग जाते हैं अगर आपके गठिया का इलाज जल्दी ना शुरू किया जाए, वैसे ही lupus जैसी बिमारी में अगर इलाज जल्दी शुरू ना हो, तो किडनी पर भी असर आ सकता है।