कारनामा: मप्र के सरकारी विभागों ने बिना वित्त विभाग की अनुमति के निकाली राशि, मुख्य सचिव ने लिखा पत्र

मध्य प्रदेश राज्य सरकारी के कामों में कथित तौर पर गड़बड़ी और भ्रष्टाचार को लेकर कई खबरें सामने आ चुकी है। और एक बार फिर यहां गड़बड़ी उजागर हुई है। जानकारी मिली है कि सरकारी महकमों के कई विभागों ने केंद्र सरकार की योजनाओं के फंड को बिना वित्त विभाग की अनुमति से निकाल लिया। जिसके बाद मुख्य सचिव ने  इन विभागों को एक पत्र लिखा है।

जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार के फंड को एसएनए अकाउंट में ट्रांसफर किए बगैर ही भुगतान कर दिया गया है। ऐसे कई अन्य विभागों में वित्त विभाग ने अनियमितताएं पकड़ी है। विभागों के करतूत की वजह से केंद्र सरकार से मिलने वाला स्टॉलमेंट भी अटका गया है। जिसके बाद केंद्र सरकार की आपत्ति पर मुख्य सचिव ने सभी विभागध्यक्षों को एक पत्र लिखा है।

दरअसल इस पत्र में लिखा गया है कि पूर्व में इस विभाग के संदर्भित पत्र के द्वारा केंद्र प्रवर्तित योजनाओं की प्रक्रिया के सुचारू संपादन के लिए विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। इस प्रक्रिया के अंतर्गत राज्य बजट से राशि आहरण कर केन्द्र प्रवर्तित योजना से संबंधित एसएनए बैंक खाते में जमा की जाती है। पीएफएमएस ऑनबोर्ड एसएनए द्वारा तत्पश्चात योजनांतर्गत व्यय किया जाता है।

वहीं जानकारी के अनुसार भारत सरकार के निर्देशानुसार केंद्र और राज्य की राशि को निर्धारित समयावधि में बजट से आहरण कर सर्वप्रथम एसएनए बैंक खाते में ही स्थानांतरित किया जाना चाहिए। लेकिन अनेक प्रकरणों में प्रशासकीय विभागों द्वारा आईएफएमआईएस से सीधे व्यय किया गया है। और राशि को एसएनए बैंक खाते में जमा नहीं किया गया है।

एसएनए बैंक खाते का क्रमांक त्रुटिपूर्ण होने से आईएफएमआईएस में ट्रांजेक्शन असफल हुए हैं। फिर रिफंड बिल्स के माध्यम से राशि स्थानांतरित की गई है। इस प्रकार दोनों प्रकरणों में राशि एसएनए रिपोर्ट में दर्शित नहीं होती है। जिससे भारत सरकार द्वारा राज्य के विभागों को केंद्र प्रदर्तित योजनांतर्गत राशि की किश्तें जारी करने में समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।

बताया जा रहा है कि इसलिए राज्य शासन ने यह निर्णय लिया है कि आईएफएमआईएस अंतर्गत केन्द्र प्रवर्तित योजनांतर्गत राशि आहरण के लिए एसएनए बैंक खाते का मान्यता लागू किया जाता है। जिसका मतलब है कि केन्द्र प्रवर्तित योजना से आहरित राशि, केवल एसएनए बैंक खाते में ही अंतरित होना चाहिए।

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