परिवहन विभाग के ट्रांसपोर्टरों पर 830 करोड़ का बकाया; इंदौर-जबलपुर, ग्वालियर और भोपाल से नहीं हो पा रही वसूली !
भोपाल। परिवहन विभाग के बही खातों के अनुसार मध्य प्रदेश के ट्रांसपोर्टरों और वाहन मालिकों के उपर 830 करोड़ रुपया टैक्स बकाया है।इस बकाया टैक्स को वसूल करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने सरल समाधान योजना शुरू की है। इस योजना के अंतर्गत 31 मार्च 2023 तक एकमुश्त टैक्स जमा करने पर छूट दी जाएगी।समाधान योजना में 15 साल से अधिक पुराने वाहन पर 90 फ़ीसदी, 10 साल से अधिक पुराने वाहन पर 30 फ़ीसदी, 5 से 10 साल के वाहनों पर 20 फ़ीसदी तथा 5 साल तक के पुराने वाहनों पर 10 फ़ीसदी की छूट दी जाएगी।
इस समाधान योजना को ट्रांसपोर्टरों एवं वाहन मालिकों का कोई सहयोग नहीं मिल रहा है।ट्रांसपोर्टर का कहना है उनके पास वाहन ही नहीं है। परिवहन विभाग ने गलत तरीके से उनके ऊपर टैक्स बकाया निकाला है। जिसके कारण यह वसूली संभव नहीं हो पा रही हैं। वहीं सरकार का मानना है की समाधान योजना के तहत जो छूट दी जा रही है। उससे 400 करोड़ रुपए का राजस्व सरकार को मिल रहा है ।
जिन वाहन मालिकों के ऊपर टैक्स बकाया निकाला जा रहा है। उसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह बताया जा रहा है, कि वाहन कबाड़ में बेचने के बाद उन्होंने पंजीकरण रद्द नहीं कराया। परिवहन विभाग उस पर कई सालों का बकाया टैक्स मांग रहा है। जिसके कारण परिवहन विभाग के बही खातों में 830 करोड रुपए का टैक्स बाकी निकल रहा है। जबकि वह वाहन कई वर्ष पूर्व कबाड़ में बेचे जा चुके हैं।
इंदौर का टैक्स सबसे ज्यादा बकाया है। परिवहन विभाग के अनुसार 276 करोड़ 56 लाख रुपया बाकी है। वही दूसरे नंबर पर जबलपुर है। जहां 71 करोड 97 लाख रुपयों का टैक्स बकाया है। इसके बाद ग्वालियर का नंबर आता है। ग्वालियर से 52 करोड़ 98 लाख रुपया बाकी है। भोपाल का 33 करोड़ 89 लाख रुपए टैक्स के रूप में बकाया है।