ग्वालियर-चंबल में लगातार बारिश से करीब 100 गाँवों की फसलें खराब, किसानों ने कहा-हम तो बर्बाद हो गये
Byline24.com। ग्वालियर-चम्बल अंचल में बीते दो दिनों से हो रही झमाझम बारिश की वजह से जिलेभर के नदी नालों का जलस्तर एक बार फिर से बढ़ गया है। बंजारा डैम ओवरफ्लो हो गया है।गत दिवस तिघरा बाँध के तीन गेट खोल दिये गये थे।इस कारण से यहाँ के रहने वाले किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है वहीं उनकी फ़सल पर भी बरबादी के आसार दिखाई दे रहे हैं।इधर संभाग आयुक्त दीपक सिंह ने बेहट में अतिवर्षा से फसलों को हुए नुकसान का अवलोकन किया और राजस्व अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
चंबल क्षेत्र में किसानों के खेतों में खड़ी धान की फ़सल इस बारिश की वजह से खेतों में ही गिर गई है, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। अब हालात ऐसे हो चुके हैं कि इस बारिश से किसान पूरी तरह बर्बाद हो चुका है। पिछली बार आई बाढ़ को कुछ महीने ही बीत पाए हैं, उससे किसान उबर नहीं पाया थी, एक बार फिर किसान पर मौसम की मार पड़ गई।
बता दें कि बीते शुक्रवार शाम 3 बजे से जिलेभर में झमाझम बारिश होना शुरू हुई थी और अभी तक बारिश लगातार जारी है। इसकी वजह से उन किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है, जिनके खेतों में धान की फसल खड़ी थी। इसके साथ ही उन किसानों को भी नुकसान हुआ है, जिन्होंने अपने खेतों में रवी के सीजन की सरसों आदि फसलों की बुवाई बीते दिनों ही की थी। बारिश की वजह से उनके खेत पानी से लबालब भर गए हैं। इन हालातों में खेतों का पानी सूख जाने के बाद उन्हें फिर से सरसों की बुवाई करनी पड़ेगी, जिसमें उन्हें हजारों रुपये बीघा के हिसाब से फिर से खर्चा उठाना पड़ेगा।
सबसे ज्यादा नुकसान ढोंटी, प्रेमसर और बड़ौदा इलाके के लगभग 100 से अधिक गांव में देखने को मिल रहा है। जिसे लेकर किसान बेहद परेशान हैं और वह सरकार से फसलों के नुकसान का सर्वे करवाकर मुआवजे की मांग कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि इस बारिश की वजह से उनके खेतों में खड़ी धान की फसल 90% बर्बाद हो चुकी है। खेतों में गिरी हुई फसलें सड़ जाएंगी या फिर बाली में दाना नहीं पड़ेगा।
गौरतलब है कि पिछले 2 साल से ग्वालियर चंबल अंचल में बारिश ने किसानों को पूरी तरह चौपट कर दिया है। अंचल के किसान पूरी तरह कर्ज में डूबे हुए हैं क्योंकि हर साल बारिश से बाढ़ के हालात बन रहे हैं, जिससे किसानों की फसल पूरी तरह बर्बाद हो रही है।