मप्र: अब निरीक्षक सोसायटियों की जांच नहीं कर सकेंगे,सहकारिता कोर्ट में लिया जाएगा फैसला
भोपाल । अब सहकारिता निरीक्षकों से संस्थाओं की जांचें भी छिन ली है। सहकारिता निरीक्षक संस्थाओं से संबंधित जांच नहीं कर पाएंगे। ऐसे प्रकरण सीधे सहकारिता कोर्ट में लगेंगे। जहां पर दोनों पक्षों को सुना जाकर फैसला किया जाएगा। सहकारिता विभाग में पंजीकृत संस्थाओं का ऑडिट पहले सहकारिता निरीक्षकों के माध्यम से किया जाता था लेकिन सहकारिता विभाग ने सभी संस्थाओं का वार्षिक ऑडिट सीए से करवाए जाने की व्यवस्था लागू कर दी।
यह आदेश प्रभावी रूप से लागू होने के बाद अब सोसायटियों से संबंधित शिकायत या अन्य मामलों में जांच के अधिकार भी सहकारिता निरीक्षकों के पास में नहीं रहेंगे। पहले सोसायटी में किसी मामले में उपायुक्त सहकारिता या अन्य वरिष्ठ अधिकारी द्वारा जांच के लिए सहकारिता निरीक्षक को जांच अधिकारी नियुक्त किया जाता था, जो मामले की जांच कर रिपोर्ट अधिकारियों को प्रस्तुत करते थे। रिपोर्ट पर वरिष्ठ अधिकारी कार्रवाई का निर्णय लेते थे और मुख्यालय भोपाल को जांच प्रतिवेदन तथा कार्रवाई संबंधी रिपोर्ट भेजते थे।