मप्र:साफ्ट हिंदुत्व की छवि से अपना रिपोर्ट कार्ड सुधारेंगे कांग्रेसी, करा रहे शिवमहापुराण और बुजुर्गों को धार्मिक स्थल की यात्रा
भोपाल। कांग्रेस के दिग्गज नेता लगातार दम भर रहे हैं कि 2023 में पार्टी सत्ता में आएगी। लेकिन सत्ता के सेमीफाइनल यानी नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा। ऐसे में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ हर विधायक और हर विधानसभा क्षेत्र का सर्वे करा रहे हैं, ताकि आकलन किया जा सके की पार्टी मिशन 2023 के लिए कितनी तैयार है। पीसीसी चीफ कमलनाथ के सर्वे में कमजोर प्रदर्शन करने वाले विधायक एक्टिव हो गए हैं। विधायक धार्मिक कार्यक्रम आयोजित कर जनता के बीच अपनी पकड़ को और मजबूत कर रहे हैं।
कांग्रेस विधायक ‘हिंदुत्व कार्ड खेल कर अपने रिपोर्ट कार्ड सुधार रहे हैं। कमलनाथ की रिपोर्ट के बाद मालवा-निमाड़ के विधायकों की बैचेनी बढ़ी है। दरअसल, पूर्व मंत्री जीतू पटवारी प्रदीप मिश्रा से महाशिवपुराण की कथा करवा रहे हैं। इधर महापौर का चुनाव हारने के बाद संजय शुक्ला धार्मिक यात्रा पर निकले हैं। संजय शुक्ला अपनी विधानसभा के रहवासियों को काशी-अयोध्या यात्रा करवा रहे हैं। वहीं रामनवमी में हुए दंगे वाले इलाके खरगोन से कांग्रेस विधायक रवि जोशी गंगा जल यात्रा निकाल रहे हैं। दंगे के बाद से कांग्रेस विधायक रवि जोशी की सियासी जमीन को काफी नुकसान हुआ है।
कांग्रेस के जो दिग्गज नेता 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से बाहर करने का दम भर रहे हैं, उन्हीं दिग्गजों के क्षेत्र में पार्टी सत्ता के सेमीफाइनल में धड़ाम हो गई। ऐसे में सवाल उठने लगा है कि आखिर किस बूते कांग्रेस सत्ता में वापसी करेगी। यह स्थिति तब है जब दिग्गज नेताओं और जिलाध्यक्षों ने नगरीय निकाय चुनाव में अपनी पसंद का प्रत्याशी खड़ा करवाया था। गौरतलब है कि आगामी विधानसभा चुनाव 2023 में होना है। इससे पहले हुए नगरीय निकाय चुनाव को सत्ता का सेमीफाइनल माना जा रहा है। ऐसे में प्रदेश में हुए नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता और कांग्रेस के जिला अध्यक्ष भी अपने क्षेत्र के निकाय नहीं बचा पाए। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, बाला बच्चन, जीतू पटवारी, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति और उपाध्यक्ष हिना कांवरे के क्षेत्र में भाजपा का वर्चस्व रहा। जबलपुर में पूर्व मंत्री तरुण भनोत व लखन घनघोरिया के विधानसभा क्षेत्र में पार्टी प्रत्याशियों ने जीत प्राप्त की। भोपाल, विदिशा, सागर, सिंगरौली आदि जिलों में भी कांग्रेस हार गई, यहां जिलाध्यक्षों ने अपनी पसंद से टिकट दिलाए थे। दिग्गजों के क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशियों की हार ने पार्टी को पसोपेस में डाल दिया है।
नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस ने भले ही पांच नगर निगमों में अपने महापौर जीता लिया है, लेकिन लगभग सारी निकायों में उसे हार का सामना करना पड़ा है। दिग्गज नेता पार्षदों को जीता नहीं पाए। ऐसे में निकायों के परिणाम सामने आने के बाद अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ विधानसभावार रिपोर्ट तैयार करा रहे हैं, जिसकी समीक्षा के आधार पर कई जिलाध्यक्षों पर गाज गिरना तय है। नगरीय निकाय चुनाव के पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने विधायक दल की बैठक में साफ कर दिया था कि इन चुनावों को आगामी विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जाए। जो विधायक या नेता टिकट दिला रहे हैं, वे उम्मीदवारों को जिताने की जिम्मेदारी भी लें। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष व संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर का कहना है कि निकाय चुनाव के परिणामों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि पूर्व मंत्रियों और विधायकों के क्षेत्र में ही पार्टी को हार मिली है। कमलनाथ के कोर ग्रुप के सदस्य व पूर्व मंत्री सच्जन सिंह वर्मा के निर्वाचन क्षेत्र सोनकच्छ की नगर परिषद में 5 पार्षद ही कांग्रेस के जीते। यहां छह निर्दलीय और चार भाजपा के पार्षद चुने गए। देवास नगर निगम में पार्टी प्रत्याशी को उतने भी मत प्राप्त नहीं हुए, जितने अंतर से भाजपा ने जीत प्राप्त की। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति के क्षेत्र गोटेगांव में 12 पार्षद भाजपा, दो कांग्रेस और एक निर्दलीय चुना गया है। विधानसभा उपाध्यक्ष हिना कांवरे के क्षेत्र लांजी में भाजपा के सात, कांग्रेस के चार, निर्दलीय तीन और एक पार्षद आप पार्टी का जीता है। पूर्व गृह मंत्री बाला बच्चन के विधानसभा क्षेत्र राजपुर में आने वाली ठीकरी नगर परिषद में भाजपा के आठ और कांग्रेस के पांच पार्षद होने गए हैं। खरगोन में विधायक और पार्टी के प्रदेश महामंत्री रवि जोशी के निर्वाचन क्षेत्र खरगोन में भाजपा के 16 पार्षद जीते हैं। यहां कांग्रेस के 4 पार्षद निर्वाचित हुए हैं। पूर्व मंत्री जीतू पटवारी के निर्वाचन क्षेत्र राऊ की नगर परिषद में भाजपा के 12 और कांग्रेस के 3 पार्षद जीते हैं। पूर्व ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह के चुनाव क्षेत्र खिलचीपुर में भाजपा के आठ और कांग्रेस के छह पार्षद जीते हैं। पूर्व मंत्री हर्ष यादव के निर्वाचन क्षेत्र देवरी मैं 11 स्थानों पर भाजपा के पार्षद चुनाव जीते हैं। तेंदूखेड़ा विधायक संजय शर्मा, गाडरवारा विधायक सुनीता पटेल, देपालपुर विधायक विशाल पटेल भी अपने क्षेत्र में कांग्रेस को बहुमत नहीं दिला सके।