नगरीय निकाय के बाद अब मप्र में विधानसभा चुनाव लड़ेगी आप पार्टी, भाजपा और कांग्रेस चिंतित
भोपाल। मध्य प्रदेश में हुए हाल ही में संपन्न नगरीय निकाय चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) को मिली सफलता ने भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों को परेशानी में डाल दिया है। आम आदमी पार्टी ने सिंगरौली मेयर सीट पर चुनाव जीतकर मध्य प्रदेश में दखल दे दिया है। उसके साथ ही पूरे प्रदेश में पार्टी के 64 पार्षद चुनकर आए हैं। इस जीत से उत्साहित पार्टी अब संगठन का विस्तार कर रही है। 2023 एमपी विधानसभा चुनाव में सभी 230 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है।
मध्यप्रदेश की राजनीति अब तक भाजपा और कांग्रेस तक सीमित रही है, लेकिन 2022 के निकाय चुनाव से आम आदमी पार्टी और एआईएमआईएम ने भी प्रदेश में दखल दे दी है। आप पंजाब चुनाव में अपने प्रदर्शन से पहले ही सबको चौंका चुकी है। ऐसे में मध्यप्रदेश में कांग्रेस और भाजपा के लिए भी आम आदमी के बढ़ते कदम मुसीबत का सबब 2023 के विधानसभा चुनाव में बन सकते हैं।
आम आदमी पार्टी ने साफ कर दिया है कि भाजपा और कांग्रेस के नाराज और असंतुष्ट नेता उसका दामन थामें तो पार्टी को कोई गुरेज नहीं है। आम आदमी पार्टी के नेताओं का दावा है कि जहां भी अरविंद केजरीवाल आएंगे। भाजपा और कांग्रेस का सफाया हो जाएगा। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की लोकप्रियता प्रदेश में तीसरा मोर्चा खड़ा करने की ओर इशारा कर रही है, वहीं टिकट नहीं मिलने से नाराज भाजपा और कांग्रेस के कद्दावर नेताओं के लिए भी एक विकल्प खुल गया है।
सन 2023 में सत्ता में वापसी का इंतजार कर रही कांग्रेस मध्य प्रदेश में आम आदमी पार्टी के उदय का कारण भाजपा सरकार को बता रही है। कांग्रेस का कहना है सरकार के प्रति लोगों की नाराजगी है, इसलिए एक नए विकल्प के तौर पर मध्यप्रदेश में आम आदमी पार्टी तैयार हो रही है। हालांकि, कांग्रेस का कहना है कि आप के आने से कांग्रेस को कोई नुकसान नहीं है। भाजपा का कहना है मध्य प्रदेश में मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही रहेगा। आम आदमी पार्टी दिल्ली और पंजाब का प्रदर्शन मध्यप्रदेश में नहीं दोहरा पाएगी। निकाय चुनाव में जनता ने साफ कर दिया है कि वह पूरी ताकत से भाजपा के साथ खड़ी है। आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी इसी तरह का प्रदर्शन कर एक बार फिर सरकार बनाएगी। आम आदमी पार्टी के साथ एआईएमआईएम के भी 7 पार्षद प्रदेश में चुनकर आए हैं।