RTE: मप्र में 34 हजार बच्चों को नहीं मिला स्कूलों में प्रवेश, ग्वालियर में 9,333 सीटों में से 3,532 सीटें आवंटित
भोपाल। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत प्रदेश के 26 हजार 666 निजी स्कूलों में दो लाख 78 हजार 130 सीटों के लिए दो लाख 1252 आवेदन आए थे। इनमें एक लाख 73 हजार 725 विद्यार्थी पात्र थे। इसमें से आनलाइन लाटरी के माध्यम से एक लाख 39 हजार 725 बच्चों को प्रवेश मिला है, जबकि 34 हजार बच्चे प्रवेश से वंचित हो गए। बता दें कि प्रदेश के निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटों पर प्रवेश के लिए गुरुवार को आनलाइन लाटरी निकाली गई। प्रवेश वंचित छात्र अब दूसरी बार लाटरी प्रक्रिया में शामिल होंगे। अधिकारियों का कहना है कि अभिभावक बड़े स्कूलों का नाम अधिक आवेदन कर देते हैं। आरटीई के तहत हर साल प्रवेशित विद्यार्थियों की संख्या में कमी आ रही है। इसका कारण यह है कि बड़े स्कूल आरटीई के दायरे से बाहर हैं। वहीं छोटे निजी स्कूल पोर्टल पर प्रदर्शित हो रहे हैं। पोर्टल पर बड़े निजी स्कूलों का नाम नहीं होने के कारण अभिभावक अपने बच्चों को प्रवेश दिलाने से बच रहे हैं।
हर साल करीब एक से डेढ़ लाख ही बच्चे आरटीई के तहत प्रवेश ले रहे हैं, जबकि स्कूलों में लगभग ढाई से तीन लाख सीटें आवंटित की जाती है। आनलाइन लाटरी के माध्यम से बच्चों को निजी स्कूलों में सीटें आवंटित की दी गई।
अभिभावकों के पंजीकृत मोबाइल पर आवंटित स्कूलों के नाम की सूचना भेज दी गई। पात्र विद्यार्थी स्कूलों में जाकर 23 जुलाई तक प्रवेश ले सकेंगे। पहले चरण में जिन आवेदकों का नाम नहीं आएगा।
वे दूसरे चरण के लाटरी प्रक्रिया में शामिल होंगे।बड़े शहरों में भोपाल में 16,260 सीटों के लिए 20,117 आवेदन में से 10,539 को सीटें आवंटित की गई। वहीं इंदौर में 11,687 सीटों में से 6,872 सीटें आवंटित की गई।
वहीं जबलपुर में 7,547 सीटों में से 4,006 और ग्वालियर में 9,333 सीटों में से 3,532 सीटें आवंटित की गई। बता दें, कि पिछले वर्ष दो लाख 84 हजार सीटों के लिए एक लाख 99 हजार आवेदन आए थे, जबकि एक लाख 29 हजार प्रवेश हुए थे।