मप्र में विधानसभा चुनाव के पहले निष्क्रिय जिलाध्यक्ष होंगे बाहर, युवा चेहरों को मिलेगा मौक़ा

 

उदयपुर में चिंतन के बाद कांग्रेस में बड़े बदलाव की तैयारी, कई अध्यक्ष बदलेंगे
भोपाल। उदयपुर में हुए कांग्रेस के चिंतन शिविर का मंथन आने वाले दिनों में सामने आएगा, लेकिन जो बातें सामने निकलकर आ रही है, उसमें कांग्रेस अपना एक नया रूप सामने लाने की बात कह रही है। कई प्रदेश अध्यक्षों ने निष्क्रिय अध्यक्षों को हटाने की बात कही है, ताकि संगठन में नए चेहरों को मौका दिया जा सके। उदयपुर में युवा चेहरों को मौका देने की बात भी सामने आई।
प्रदेश से कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, विवेक तनखा, दिग्विजयसिंह, कांतिलाल भूरिया सहित राष्ट्रीय सचिव सत्यनारायण पटेल भी चिंतन शिविर में शामिल हुए। कांग्रेस के बड़े नेताओं ने दावा किया है कि पार्टी एक अलग रूप में नजर आएगी, ताकि आगामी विधानसभा चुनाव में इसका लाभ मिले और लोकसभा चुनाव में पार्टी बेहतर प्रदर्शन कर सके, साथ ही संगठन को मजबूत करने के लिए भी वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि अब बदलाव होना चाहिए और नए चेहरों को मौका दिया जाना चाहिए। कांग्रेस में गुटबाजी की शिकायतें भी मसोन आईं, जिसके कारण कांग्रेस अकसर चुनाव हार जाती है। जिलों के अध्यक्षों को हटाने का पालन प्रदेश में भी किया जाएगा। हालांकि इसके पहले ही सूची तैयार हो गई थी, लेकिन किन्हीं कारणों से यह सूची अटक गई। विधानसभा चुनाव के पहले प्रदेश की कांग्रेस की राजनीति में भी आमूलचूल परिवर्तन देखने को मिलेंगे। इंदौर शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल और जिलाध्यक्ष सदाशिव यादव को भी अपनी कार्यकारिणी की घोषणा करना है। चिंतन शिविर के बाद कार्यकारिणी में फेरबदल कर नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है। इसके साथ ही प्रदेश की कार्यकारिणी में भी कांग्रेस की दूसरी पीढ़ी को मौका दिए जाने की संभावना है। कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि जो मठाधीश पदों पर बैठकर अपने समर्थकों को उपकृत करते आए हैं, उन्हें भी संगठन से बाहर करने की तैयारी हैं और उनके स्थान पर सक्रिय चेहरों को जवाबदारी दी जाएगी। इधर ग्वालियर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा ने जंबो कार्यकारिणी गठित की है।