मप्र हाईकोर्ट में 1255 पदों पर भर्ती का मामला, हाईकोर्ट के निर्णयाधीन रहेंगी नियुक्तियां
जबलपुर। मप्र उच्च न्यायालय द्वारा सहायक ग्रेट तीन एवं स्टेनो के पदों पर की गई भर्ती में महिलाओं एवं विकलांग की प्रथक से मैरिट लिस्ट जारी न किए जाने को दी गई चुनौती दी गई। जिस पर रजिस्ट्रार जनरल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। एससी एवं ओबीसी महिलाओं की याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने रिजल्ट में कथित तौर पर की गई पाँच मुख्य त्रुटियों के आधार पर सम्पूर्ण भर्ती प्रक्रिया की याचिका के निणयाधीन हो गई है। याचिका में कहा गया कि अनारक्षित वर्ग में मेरीटोरियस अभ्यर्थीयों को चयन करने की राहत सहित संघ लोक सेवा आयोग तथा राज्य लोक सेवा आयोग की तर्ज पर वर्गवार मेरिट लिस्ट जारी करने की राहत चाही गई है। हाईकोर्ट द्वारा जारी रिजल्ट को प्रथम दृष्ट्या त्रुटीपूर्ण मानते हुए जवाब तलब किया गया है। हाईकोर्ट के जवाब के बाद प्रारंभिक परीक्षा परिणाम निरस्त किया जा सकता है।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट जबलपुर द्वारा जिला न्यायालयों मे की जा रही १२५५ पदो पर भर्ती को महिलाओ,दिव्यांगजन सहित ओबीसी एवं एससी के कई अभ्यर्थियों ने याचिका अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर के माध्यम से दायर की गई थी। उक्त याचिकाओं पर प्रशासनिक जस्टिस शील नागू तथा मनेन्द्र भट्टी की युगलपीठ द्वारा सुनवाई की गई। अधिवक्ता श्री ठाकुर द्वारा कोर्ट को बताया गया की मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा कुल पद १२५५ पर भर्ती हेतु १२ नवंबर २०२१ को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने विज्ञापन जारी किया गया। उक्त विज्ञापन किस वर्ग को किस नियम के तहत कितना आरक्षण दिया जाएगा इसका उल्लेख नही किया गया, तथा उक्त भर्ती में हाईकोर्ट या मध्य प्रदेश शासन के किस नियम से की जाएगी इसका भी उल्लेख नही किया गया। जो नियमानुसार आवश्यक होता है। इंद्रा शहनी वनाम भारत संघ तथा सौरभ यादव वनाम स्टेट आफ उत्तरप्रदेश के प्रकरणों मे भर्ती प्रक्रिया मे आरक्षण से संवन्धित अपनाई जाने वाली प्रक्रिया के समवंध मे सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए है जिसका पालन इस हाईकोर्ट द्वारा नही किया गया है तथा १०० प्रतिशत कम्यूनल आरक्षण लागू करके प्रारम्भिक परीक्षा का रिजल्ट जारी किया गया है। उक्त याचिकाओं पर अग्रिम सुनवाई की तिथी १८ जून निर्धारित की गई है। याचिका कर्ताओ की ओर से अधिवक्ता श्री ठाकुर, विनायक शाह, उदय कुमार, गोपाल श्रीवास, प्रशांत चौरसिया, परमानंद साहू, आरजी वर्मा, अंजनी कोरी, ने पैरवी की।