बीते एक साल में किसी राज्य से ऑक्सीजन की कमी के चलते हुई मौत की सूचना नहीं: केंद्रीय मंत्री
उन्होंने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी. उनसे सवाल किया गया था कि पिछले एक साल में लॉकडाउन के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण कितनी मौतें हुईं.
पवार ने कहा, ‘स्वास्थ्य राज्य का विषय है. भारत सरकार राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा नियमित आधार पर सूचित कुल मामलों और मृत्यु के आंकड़े रखती है. तदनुसार, केंद्र सरकार ने उनसे अपेक्षित ब्यौरा भेजने के लिए अनुरोध किया है. कुछ राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों से उत्तर प्राप्त हुए थे और किसी ने ऑक्सीजन की कमी के चलते किसी मृत्यु की सूचना नहीं दी है.’
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्णय पर कार्रवाई करते हुए भारत सरकार ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के जरिए कोविड-19 के रोगी के परिजन को अनुदान सहायता उपलब्ध कराने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
एनडीएमए ने कोविड-19 के कारण हुई प्रमाणित मृत्यु पर प्रति रोगी 50,000 रुपये की सिफारिश की है.
पवार ने कहा कि ऑक्सीजन की मांग में उछाल को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने देश में ऑक्सीजन की उपलब्धता में वृद्धि करने, इसके वितरण को दुरूस्त करने तथा ऑक्सीजन भण्डारण अवसंरचना को मजबूत बनाने के लिए उपाय किए हैं.
गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर में केंद्र सरकार ने लोकसभा में बताया था कि केवल पंजाब और अरुणाचल प्रदेश ने कोविड-19 की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से मौत के आंकड़े दिए हैं.
मालूम हो कि पिछले साल अगस्त महीने में पहली बार केंद्र सरकार ने स्वीकार किया था कि ऑक्सीजन की कमी से कोरोना मरीजों की मौत हुई थी.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि कोविड-19 के इलाज के दौरान वेंटिलेटर पर रहे ‘कुछ’ मरीजों की मौत अपर्याप्त ऑक्सीजन की वजह से हुई थी. केंद्र सरकार ने कहा था कि आंध्र प्रदेश को छोड़कर किसी भी राज्य ने विशेष रूप से ऑक्सीजन की आपूर्ति की कमी के कारण कोविड-19 मरीजों की मौत की सूचना नहीं दी है.
इससे पहले केंद्र सरकार ने राज्यसभा में कहा था कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान किसी भी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश से ऑक्सीजन के अभाव में किसी भी मरीज की मौत की खबर नहीं मिली है.
राज्यसभा में सवाल किया गया था कि पिछले एक साल में ऑक्सीजन की कमी के कारण कितनी मौतें हुईं. इस पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा कि भारत सरकार राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा सूचित कुल मामलों और मृत्यु के आंकड़े रखती है. केंद्र को भेजे जवाब में किसी ने ऑक्सीजन की कमी के चलते किसी मृत्यु की सूचना नहीं दी है.