जेवर-कैश लेकर दुल्हन फरार; दूल्हा घर ले जाने लगा तो बाइक से उतर कर लवर के साथ भागी
जबलपुर में लुटेरी दुल्हन और उसकी गैंग पुलिस के हत्थे चढ़ी है। गिरोह के चारों सदस्यों को ओमती पुलिस ने देर रात तक गिरफ्तार कर लिया। रेनू पटेल ने खुद को अनाथ बताकर दशरथ पटेल से कोर्ट कैम्पस के शिव मंदिर में ब्याह रचाया। जब दूल्हा दशरथ बाइक से नई दुल्हन को घर ले जा रहा था, तो रास्ते में वह बोली कि मुझे बैठने में दिक्कत हो रही है। दशरथ ने जैसे ही बाइक रोकी, इतने में वो पीछे से आ रहे अपने प्रेमी भागचंद की बाइक पर बैठकर उसके साथ फरार हो गई। महिला गहने और कैश भी साथ ले गई।
ओमती थाना इंचार्ज SPS बघेल के मुताबिक भीमगढ़ छपरा सिवनी निवासी दशरथ पटेल की शादी जबलपुर में धनवंतरी नगर निवासी रेनू अहिरवार उर्फ रेनू पटेल उर्फ उर्मिला राजपूत से तय हुई थी। रेनू का रिश्ता उसके कथित चाचा अमर सिंह पटेल निवासी संजीवनी नगर और मौसी अर्चना बर्मन निवासी नेहरू नगर मेडिकल कॉलेज गढ़ा ने मिलकर कराया था। ठगों ने रेनू को अनाथ बताया था। दशरथ से कहा कि उन्होंने ही रेनू को बचपन से पाला-पोसा है। दशरथ सिवनी में स्कूल वैन की ड्राइविंग के साथ खेती करता है। जबलपुर ग्वारीघाट निवासी उसके चाचा जागेश्वर पटेल ने इस रिश्ते की बात अमर सिंह पटेल से चलाई थी।
पहले मंदिर में शादी की बात हुई थी
जागेश्वर पटेल गढ़ा में एक होटल में काम करता है। यहां पर अमर सिंह पटेल आता रहता था। जागेश्वर ने अमर से भतीजे दशरथ के लिए रिश्ते की बात की थी। जिसके बाद अमर ने जागेश्वर को झांसे में लेकर कथित भतीजी रेनू का रिश्ता कराने की पहल की। फोटो दिखाया, जो जागेश्वर और उसके भतीजे दशरथ को पसंद आ गई। रेनू भी जागेश्वर के घर दो बार हो आई। दो दिन पहले शादी की बात फाइनल हुई। तय हुआ कि ग्वारीघाट में एक मंदिर से रेनू और दशरथ की शादी की जाएगी।
खूबसूरती के जाल में फंसाया
31 जनवरी को रेनू और अमर ने कहा कि शादी, मंदिर की बजाय कोर्ट में होगी। रेनू की खूबसूरती पर दशरथ पटेल फिदा हो चुका था। वह उसकी शर्त के अनुसार शादी को तैयार हो गया। उसने भी कोर्ट मैरिज की हामी भर दी। तय समय के अनुसार मंगलवार की दोपहर 3 बजे रेनू अपनी कथित मौसी अर्चना पटेल उर्फ अर्चना बर्मन, कथित चाचा अमर सिंह पटेल के साथ दशरथ को जबलपुर जिला कोर्ट परिसर में मिली।
महिला वकील भी मिली हुई थी
आपसी बातचीत के बाद सभी लोग तय समय पर कोर्ट परिसर में एक महिला वकील के पास पहुंच गए। दशरथ के साथ उसके चाचा जागेश्वर और चाची सुनीता के अलावा कुछ रिश्तेदार भी थे। महिला वकील ने स्टांप और नोटरी के एवज में 6 हजार रुपए लिए। इसके अलावा दशरथ ने दुल्हन बनी रेनु को 25 हजार रुपए का मंगलसूत्र और 10 हजार रुपए के दूसरे जेवर दिए। अमर को भी 35 हजार रुपए दिए। लेकिन महिला वकील ने कोर्ट की बजाय दोनों की शादी अनुबंध पर शिव मंदिर के सामने करा दी।
सबसे पहले पकड़ में आई फर्जी मौसी
दुल्हन के भागने के बाद पीड़ित परिवार ने लुटेरी दुल्हन की कथित मौसी अर्चना को पकड़कर शोर मचाया, तो वकील भी वहां पहुंच गए। इसके बाद वे उसे पकड़कर ओमती थाने ले आए। वहां पूछताछ में पता चला कि अर्चना पटेल का असली नाम अर्चना बर्मन है, वहीं रेनू पटेल का नाम उर्मिला अहिरवार है। पूछताछ के आधार पर कुछ देर बाद ओमती पुलिस ने उर्मिला को भी हिरासत में ले लिया। देर रात उसके प्रेमी भागचंद कोरी को भी गिरफ्तार कर लिया। फरार आरोपी अमर सिंह को तड़के पुलिस ने दबोचा। आरोपी के पास से 30 हजार रुपए जब्त हुए। पांच हजार रुपए उसने खर्च कर देना बताया।
पीड़ित दशरथ पटेल ने सुनाई आपबीती।
पीड़ित दशरथ पटेल ने सुनाई आपबीती।
दो जनवरी को भी कर चुकी है एक शादी
ओमती टीआई बघेल ने बताया कि मामले में धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया गया है। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि आरोपियों ने 2 जनवरी को बिल्कुल इसी तरह जबलपुर निवासी एक युवक से फर्जी शादी कर 15 हजार रुपए ठगे थे। शर्मिंदगी के चलते युवक ने इस मामले में कहीं शिकायत नहीं की। आरोपियों के मोबाइल में कुछ और युवकों के फोटो भी मिले हैं। आशंका व्यक्त की जा रही है कि यह सभी लोग भी ठगी के शिकार हुए हैं।
शादी के अनुबंध में गलत पता दर्शाया
पुलिस को आरोपियों के पास से फर्जी नोटरी और दस्तावेज मिले हैं। शादी की नोटरी में भी रेनू पटेल उर्फ उर्मिला अहिरवार ने अपना पता भानतलैया दमोह नाका लिखवाया है, जबकि वह धनवंतरी नगर में रहती है। पुलिस इसके आधार पर प्रकरण में फर्जीवाड़ा और अन्य धाराएं भी बढ़ाने की तैयारी में है। जबलपुर में लुटेरी गैंग की यह दूसरी घटना है। इससे पहले लार्डगंज में इस तरह का प्रकरण सामने आ चुका है। उस घटना में दंपती ही भाई-बहन बन जाते थे।