प्रदूषण फैलाने वाले पुराने डीजल वाहनों पर कलर स्टीकर लगाना जरूरी

,नई दिल्ली: परिवहन विशेषज्ञों ने सर्दियों में देशभर में होने वाले प्रदूषण की पहले से रोकथाम के उपाय लागू करने पर जोर दिया है। कोहरे के मौसम में दिल्ली-एनसीआर का प्रदूषण शीर्ष स्तर पर पहुंच जाता है। इसलिए पुराने विशेषकर डीजल वाहनों पर कलर स्टीकर लगाने की जरूरत है, जिससे उनको सड़क पर चलने से रोका जा सके।

सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय की राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद (एनआरएससी) के सदस्य व सड़क परिवहन विशेषज्ञ डॉ. कमलजीत सिंह सोई ने बुधवार को पत्रकारों से कहा कि राज्य सरकार ने गत वर्ष वाहनों के ईंधन के अनुसार विंड स्क्रीन पर कलर स्टीकर लगाने के नियम लागू कर दिए हैं। लेकिन इसे पूरी तरह से लागू नहीं किया जा सका है। इसका मकसद पुरानी तकनीक का उपयोग करने वो व अधिक प्रदूषण फैलाने वाले पुराने वाहनों की पहचान करना है।

शीर्ष अदालत ने 2016 में दिल्ली-एनसीआर के लिए पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम व नियंत्रण (ईपीसीए) से डीजल वाहनों के उपयोग को विनियमित करने के लिए कहा गया था।

 

लेकिन अभी तक यह पूरी तरह से लागू नहीं किया जा सका है। उन्होंने सुझाव दिया कि परिवहन विभाग पुराने डीजल वाहनों को परमिट देना बंद करे। इसके अलावा कलर स्टीकरर लगाकर उनके परिचालन पर रोक लगाए। इससे आम आदमी को खतरनाक वायु प्रदूषण से बचाया जा सके।

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