शिव ‘राज’ में जूनियर आईएएस अफसर भरोसेमंद

भोपाल। प्रदेश की प्रशासनिक और राजनीतिक वीथिका में यह चर्चा आम है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के शासनकाल में कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाती है। लेकिन कई बार ऐसा भी देखने को मिला है कि सरकार में वरिष्ठ अधिकारियों की कमी के कारण जूनियर अफसरों को बड़ी जिम्मेदारी दे दी जाती है। आज कल राज्य सरकार ने सचिव स्तर के अधिकारियों की कमी को दूर करने उपसचिव और अपर सचिव स्तर के अधिकारियों को प्रबंध संचालक, सीईओ और आयुक्त स्तर की जिम्मेदारी से नवाजा है। कई दफ्तरों में इन अफसरों को ओएसडी, आयुक्त सह-संचालक के नाम पर पोस्टिंग की गई है, जबकि अधिकांश समय इन पदों पर सचिव और प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी ही पदस्थ रहे हैं।  मंत्रालयीन सूत्रों का कहना है कि प्रदेश में सचिव स्तर के अधिकारियों की कमी है।

ऐसे में सरकार की मजबूरी है कि कनिष्ठ अफसरों को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। सामान्य प्रशासन विभाग ने हाल ही में कई कलेक्टरों को बदलते हुए उन्हें बड़ी जिम्मेदारी से नवाजा है। सूत्रों का कहना है कि सरकार की नजर में जूनियर आईएएस अधिक भरोसेमंद हैं।

 

यही कारण है की कई विभागों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी कनिष्ठों को देने की परंपरा सी बन गई है। पूर्व मुख्य सचिव केएस शर्मा का मानना है कि पद के स्टेटस को देखते हुए अधिकारियों की पोस्टिंग सीनियर पदों पर की जानी चाहिए। जूनियर अधिकारी की पोस्टिंग सीनियर पदों पर करना प्रशासनिक दृष्टि से उचित नहीं है। इससे अधिकारी मनमानी करने लगेंगे। क्योंकि अधिकारी को उस स्तर के काम का अनुभव नहीं रहता है।

उपरोक्त आईएएस अफसरों के अलावा कई अन्य जूनियर आईएएस भी हैं जिन पर सरकार ने भरोसा करते हुए महत्वपूर्ण काम सौंपे हैं। उपसचिव स्तर के आईएएस अधिकारी तरुण पिथोड़े को एमडी, नागरिक आपूर्ति निगम बनाया गया है

 

वहीं  प्रीति मैथिल को संचालक कृषि, एमडी बीज विकास निगम, अभिजीत अग्रवाल को सह-आयुक्त कोष एवं लेखा, तन्वी सन्द्रियाल को सीईओ, ग्रामीण सड़क प्राधिकरण, दीपक सक्सेना को संचालक खाद्य नागरिक आपूर्ति, शैलबाला मार्टिन को संचालक, आदिम जाति क्षेत्रीय विकास, वीरेंद्र कुमार को सचिव, राजस्व मंडल ग्वालियर, राजेश कुमार ओगरे को सचिव, राज्य सूचना आयोग बनाया गया है। पीएस, जीएडी (कार्मिक) दीप्ति गौड़ मुखर्जी का कहना है कि अधिकारियों की पोस्टिग कॉडर देखकर की जाती है।

आयुक्त लोक शिक्षण सहित अन्य पदों पर हमने अधिकारियों को प्रभार दिया है। एमडी के पद पर जूनियर आईएएस को भी पदस्थ किया जा सकता है। कुछ अधिकारी अपर सचिव स्तर के हैं, जिन्हें काम सौंपा गया है।

वर्तमान समय में जिन अधिकारियों को वरिष्ठ पदों की जिम्मेदारी दी गई है उनमें अशोकनगर कलेक्टरी से बदले गए अपर सचिव स्तर के अधिकारी अभय कुमार वर्मा को आयुक्त, लोक शिक्षण बनाया  गया है, जबकि इसके पहले ये जिम्मेदारी जयश्री कियावत के पास थी, जो कमिश्नर स्तर की अधिकारी थीं। इसी तरह आईएएस सुरभि गुप्ता को अलीराजपुर से बदलकर ओएसडी, सह-आयुक्त हस्तशिल्प एवं हाथकरघा बनाया है

धार कलेक्टरी से वापस बुलाए गए आलोक कुमार सिंह को संचालक पंचायत राज पदस्थ किया है। उधर, संचालक महिला एवं बाल विकास की जिम्मेदारी संभाल रही 2008 बैच की स्वाति मीणा नायक को एमडी, महिला वित्त विकास निगम और इसी बैच की आईएएस शिल्पा गुप्ता को आयुक्त पुरातत्व की जिम्मेदारी दी गई है।आयुक्त पुरातत्व का काम कुछ समय पहले तक प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला और पंकज राग देखा करते थे। प्रबंध संचालक मेट्रो ट्रेन का जिम्मा अब 2008 बैच की आईएएस छवि भारद्वाज के पास है।

(साभार)

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