मेघालय: 12 दिनों से खदान में फंसे हैं पांच श्रमिक, नौसेना से मदद मांगी

शिलांग: मेघालय के ईस्ट जयंतिया हिल्स जिले में एक खदान में पांच श्रमिक पिछले 12 दिनों से फंसे हुए हैं. इस खदान में डायनामाइट विस्फोट के बाद पानी भर गया था. बताया गया है कि खदान में जल स्तर कम तो हुआ है लेकिन यह कमी अभी बचावकर्मियों के भीतर जाकर बचाव अभियान शुरू करने के लिए पर्याप्त नहीं है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि खदान से पानी निकालने की प्रक्रिया जारी है और अब यह स्तर कम होकर 36.6 मीटर है, जो चार जून को 46 मीटर था. उमप्लेंग में घटनास्थल पर तैनात एक मजिस्ट्रेट ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के करीब 60 फीसदी कर्मी और राज्य की अन्य एजेंसियां 152 मीटर गहरे गड्ढे में 10 मीटर और जलस्तर नीचे जाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं क्योंकि इसी अधिकतम स्तर में कर्मी काम शुरू कर सकते हैं.

अधिकारी ने बताया कि अब तक दो परस्पर जुड़े गड्ढे से 8.82 लाख लीटर पानी बाहर निकाला गया है.मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के. संगमा ने कहा कि बचावकर्मियों के लिए स्थिति मुश्किल है और फंसे खनिकों तक पहुंचने में अब तक थोड़ी ही प्रगति हो पाई है.संगमा ने संवाददाताओं से कहा, ‘स्थिति वहां काफी कठिन है. अभी तक सकारात्मक परिणाम नहीं मिले हैं.’ , अब मेघालय सरकार ने भारतीय नौसेना की मदद मांगी है. मुख्यमंत्री संगमा ने कहा, ‘हमने रक्षा मंत्रालय को बचाव अभियान में सहायता के लिए नौसेना के गोताखोर उपलब्ध कराने के लिए लिखा है.’

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार फंसे हुए खनिकों को बचाने के लिए सभी विकल्प तलाश रही है. वहीं, पुलिस ने कोयला खदान के मालिक को गिरफ्तार कर लिया है और उस पर अवैध खनन पर प्रतिबंध लगाने वाले एनजीटी के आदेश का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले के मुख्यालय खलीहरियात से लगभग 20 किमी दूर उमप्लेंग में बीते 30 मई को एक रैट-होल खदान में डायनामाइट विस्फोट के बाद पानी भर गया थाम, जिसमें पांच मजदूर फंस गए.

जिला प्रशासन द्वारा इन लोगों की पहचान की गई है – जिनमें चार असम से और एक त्रिपुरा से हैं. फंसे हुए खनिकों के छह सहकर्मी इस हादसे से बच गए क्योंकि वे घटना के समय खदान के बाहर थे. उन्हें असम में उनके घरों तक पहुंचाया गया है.

 

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